नागार्जुन एक प्रगतिशील कवि है प्रगतिशील कवि कल्पना की तुलना में यथार्थ को अधिक महत्व देता है यथार्थ को अधिक महत्व देने के कारण एसे कवियों का साहित्य मानवीय संवेदनाओं से भी युक्त होता है।
जो कवि जनसाधारण की भावनाओं को केंद्र बिंदु में रखते हुए अपनी कविताओं की रचना करते हैं वे जन कवि कहलाते है। बात हिंदी साहित्य की करें तो हम पाते हैं कि कबीर तुलसी निराला नागार्जुन आदि को जनकवि के श्रेणी में रखा जाता है आईए जानते हैं कि नागार्जुन को जन कवि की संज्ञा क्यों दी गई –
![नागार्जुन](https://bhartmanthan.com/wp-content/uploads/2023/02/Nagarjuna-298x300-1.jpg)
नागार्जुन का जीवन परिचय
इनका जन्म 30 jun, 1911 को मधुबनी जिले के सतलखा गांव में हुआ था। इनका असली नाम वैधनाथ मिश्र था । हिंदी में इन्होंने नागार्जुन तथा मैथिली में इन्होंने यात्री उपनाम से साहित्य सृजन किया ।
5 नवंबर 1998 को इनका निधन हो गया था ।
नाम | नागार्जुन |
उपनाम | वैद्यनाथ मिश्र |
जन्म | 30 jun 1911 |
मृत्यु | 5 नवंबर 1998 |
माता का नाम | उमा देवी |
पिता का नाम | गोकुल मिश्र |
पत्नी का नाम | लक्ष्मी दग्गुबाती |
नागार्जुन का साहित्य सृजन
घुमक्कड़ी प्रवृति नागार्जुन के जीवन की प्रमुख विशेषता रही है इन्होंने व्यक्तित्व मे स्वभवत: सम्मिलित था। चाहे सरकार हो, समाज हो या फिर मित्र, इनके व्यंग्य बाण सबको भेद डालते थे। इस कवि को राजनीति कार्यकलापों के कारण कई बार जेल भी जाना पड़ा था।
कांग्रेस द्वारा गांधी जी के नाम के दुरुपयोग पर नागार्जुन में प्रश्न उठाते हुए कहा कि
खाना बेचकर बतलाओ कब तक खाओगे,
यम को भी दुर्गंध लगेगी नरक भला कैसे जाओगे ।
(झंडा कविता से)
देश की स्वतंत्रता के दशक बीतने पर भी जब देश की परिस्थितियां वेतन नहीं हुई तो देश की दशा पर इनकी कलम सिसक उठी और कहने लगी कि
अंदर संकट,बाहर संकट , संकट चारों
ओर जेब कटी है भारत माता की मचा पाती न शोर,
देखो धंसी धंसी ये आंखें पिचके पिचके गाल,
कौन कहेगा, आजादी के बीते तेरक साल ।
साहित्य परिचय
1935 मैं दीपक (मासिक) तथा 1942 43 में विश्व बंधु (सप्ताहिक) पत्रिका का संपादन किया नागार्जुन ए संस्कृत आता बांग्ला में भी काव्य रचना की है ।
प्रमुख काव्य कृतियां
काव्य योगधरा,प्यासी पथराई आंखें, सतरंगी पंखों वाली, तालाब की मछलियां, हजार हजार बाहों वाली, पुरानी जूतियों का कोर्स, तुमने कहा था, आखिर ऐसा क्या कह दिया, मैंने मैं मिलिट्री का बुड्ढा घोड़ा, रतनगर्भा, ऐसे भी हम क्या ऐसे भी तुम क्या, पका है कटहल, भस्मानकुमार।
उपन्यास बलचमना, रतिनाथ की चाची, कुंभी पाक, उग्रतारा, जमनिया का बाबा, वरुण के बेटे ।
इनकी सभी रचनाएं रचनावली (सात खंड) में संकलित हैं।
कविता और विचारधाराए
इन के काव्य में जनजीवन के चित्र हर कदम पर दिखते हैं वे जनता से तादात्म्य स्थापित करते हुए जनता से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ने में सफलता वे लिखते हैं कि
“कबिरा खड़ा बाजार में,लिए लुकाठी हाथ,
बंदा क्या घबराएगा, जनता देगी साथ ।
छीन सके तो छीन ले, लूट सके तो लूट ,
मिल सकती है कैसे भला, अन्न चोर को छूट ।।”
आजादी के बाद ब्रिटेन की महारानी के भारत आगमन पर उनका अत्यधिक स्वागत हुआ इस वक्त से हताश निराश जनता को प्रत्यक्ष रूप स कोई फायदा नहीं हो रहा था इस पर जनकवि व्यंगात्मक स्वर में कहते हैं कि
आओ रानी हम ढोएंगे पालकी,
यही हुई है राय जवाहर लाल की
जन कवि ने जनसाधारण की भाषा में अपना कार्य लिखा है इससे इनकी की कविता जनता को आसानी से समझ में आ जाती है
रोता हूं लिखता जाता हूं ,
कभी को बेकाबू पाता हूं ।
इनकी की इन पंक्तिया में जनता के प्रति संवेदनशीलता को समझा जाए उन्होंने कभी की भूमिका का निर्वहन करते हुए कथन भी कहा था कि
“जनता मुझसे पूछ रही है क्या बतलाऊं,
जनकवि हूं मैं साफ कहूंगा, क्यो हकलाऊ?
नेहरू को तो मरे हुए 100 साल हो गए
अब जो है वह शासन के जंजाल हो गए
गृहमंत्री के सीने पर बिठा अकाल है
पुरुष्कार और सम्मान
- 1968 में मैथिल काव्य संग्रह “पत्र हीन नग्न गाछ” के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार ।
- हिंदी कविता के लिए मध्यप्रदेश का सर्वोच्च सम्मान मैथिलीशरण गुप्त ।
- संपूर्ण साहित्य के लिए उत्तर प्रदेश का सर्वोच्च सम्मान भारत भारती ।
- सन 1993 में साहित्य अकादमी की मानद फेलोशिप ।
- पश्चिम बंगाल द्वारा राहुल सम्मान।
- मध्य प्रदेश द्वारा कबीर पुरुस्कार।
- बिहार सरकार द्वारा “राजेंद्र शिखर सम्मान”
conclusion
आज हमने नागार्जुन कवि के जीवन परिचय और उनके साहित्य जीवन और उनकी कृतियों के बारे में जानना और हमने नागार्जुन को जन कवि कि उपाधि क्यों दी गई थी यह भी जाना। आपको यह पोस्ट कैसी लगी हमे कमेंट कर जरूर बताएं ।
FAQs
नागार्जुन का जन्म कब हुआ?
30 जून 1911
नागार्जुन की पत्नी कौन थी?
लक्ष्मी दग्गुबाती।
नागार्जुन किस प्रकार के कवि थे?
ये एक प्रगतिशील कवि थे ।
नागार्जुन की प्रसिद्ध कृति क्या है ?
रतीनाथ की चाची।
नागार्जुन का पूरा नाम क्या है?
वैद्यनाथ मिश्र।
नागा अर्जुन की मृत्यु कब हुई ?
5 नवंबर 1998।
नागार्जुन के पिता का नाम क्या है ?
गोकुल मिश्र।
नागार्जुन की माता का नाम क्या है?
उमा देवी ।