PM PRANAM YOJANA- 2023-24 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण ने जेविक उवरको को बढ़ावा देने के लिए और रासायनिक उवरक और कीटनाशको का उपयोग सिमित करने के लिए PM PRANAM YOJANA की घोषणा की है |
![PM PRANAM YOJANA](https://bhartmanthan.com/wp-content/uploads/2023/02/fertiliser-1-300x167.webp)
क्या है PM PRANAM YOJANA
PM PRANAM SCHEME यह योजना भूमि पुत्रो को कम से कम रासायनिक खाद और जेविक खाद अधिक उपयोग करने के लिए बनाई गई है |इस योजना के द्वारा भूमि पुत्रो को जेविक खाद का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जायगा |
क्यों लागु की गई है PM PRANAM SCHEME
PM PRANAM YOJANA के तहत ज्यादा से ज्यादा जेविक खाद का उपयोग करने के लिए कृषको को जागरूक किया जाएगा और उनकी रासायनिक खाद से निर्भरता खत्म की जाएगी जिससे भारत सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम होगा |
PM PRANAM YOJANA और गोबर धन योजना
PM PRANAM योजना को गोबर धन योजना के तहत लागु किया गया है |यह योजना जेविक खाद से संबधित योजना है आइये जानते है गोबर धन योजना के बारे —
गोबर धन योजना क्या है
- गोबर धन योजना जेविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देने वाली योजना है |
- गोबर धन योजना जेव कृषि संसाधन को प्रेरित कर रहा है |
- बजट के दोरान गोबर धन योजना के तहत 500 नए बेस्ट TO वेल्थ सयंत्र स्थापित करने की घोसना की है |
- इन 500 में से 200 कोम्प्रेसेड बायोगैस सयंत्र होंगे और 300 कलस्टर आधारित सयंत्र होंगे |
- इन सयंत्रो को स्थापित करने के लिए 10000 करोड़ रुपए आवंटित किये गये है |
- आब से सभी प्राक्रतिक और बायो मास विपनक कंप्रेस्ड बायोगैस का कम से कम 5% शामिल करेंगे |
PM PRANAM YOJANA की आवश्यकता
सरकारी आंकड़ो के अनुसार रासायनिक खाद की मांग बढी है | वर्ष 2017-18 में सभी रासायनिक खाद ( यूरिया, NPK, MOP, DAP, NPKS) की मांग 528.86 लाख मीट्रिक टन थी | जो वर्ष 2021-22 में 21% बढ़कर ६४०.27 लाख मीट्रिक टन हो गई है |
पिछले पांच वर्षो में खाद की बढती मांग के कारण सब्सिडी व्यय में भी वर्धि हुई है | चालू वित्त वर्ष 2022-23 में सर्कार ने 1.05 लाख करोड़ रुपए सब्सिडी के रूप में आवंटित किये है , लेकिन उवर्रक मंत्री ने कहा है की यह सब्सिडी इस चालू वित्त वर्ष में 2.25 लाख करोड़ रुपए को पर कर सकती है |
इसी कारन इस बढती मांग को कम करने के लिए इस PM PRANAM YOJANA की घोषणा की गयी है | जिसका मुख्य उधेश्य सरकारी खजाने से सब्सिडी का बोझ कम करना है |
PM PRANAM YOJANA की विशेषताय
- इस योजना को मोजुदा उवर्रक सब्सिडी की बचत द्वारा वितपोषित किया जायेगा |
- उवर्रक विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओ के तहत इसका अलग से बजट पारित नहीं होगा |
- 50% सब्सिडी का अनुदान पेसे बचने वाले राज्य को दी जाएगी |
- इस राशी में से 70 % राशी का उपयोग वह राज्य वैकल्पिक उवर्रक उत्पादन और तकनीक से सम्बंधित कामो के लिए कर सकता है |
- शेष 30% पेसे का उपयोग वह राज्य प्रोत्साहित करने के लिए कर सकता है |
- किसी भी राज्य में रासायनिक खाद के उपयोग को मापने के उवर्रक मंत्रालय पिछले तीन सालो में यूरिया या अन्य रासायनिक खाद की मांग में कमी या बढ़ोतरी के आधार पर होगी |
PM PRANAM YOJANA के लाभ
- इस योजना का स्पष्ट उद्देश्य रासायनिक खाद के उपयोग को कम करना है | तथा जेविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देना है |
- यह योजना प्राक्रतिक उवर्रक और पोषक तत्वों के उपयोग को बढ़ावा देगी |
- इस योजना से जेविक खाद का चलन बढेगा जिससे मिटटी की गुणवक्ता में वर्धि होगी |
- रासायनिक उवर्रक के अधिक सम्पर्क में रहने से मानव स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है | जिससे नए नए रोगों का जन्म होता है |
- रासायनिक खाद से पर्यावरण प्रदूषण भी बढ़ता है |
- इसके सीमित उपयोग और जेविक खाद के उपयोग से उत्पादकता भी बढ़ेगी |